निकोटियाना स्पीसीज (Nicotiana species)

वानस्पतिक वर्गीकरण (Botanical Classification)

 

वानस्पतिक नाम निकोटियाना स्पीसीज (Nicotiana species)

 

कुल (Family)- सोलेनेसी (Solanaceae)

 

गुणसूत्र संख्या-2n = 48

 

महत्त्व एवं उपयोग हमारे दैनिक जीवन में तम्बाकू का महत्त्व एवं उपयोग निम्नलिखित हैं-

 

(1) धूम्रपान (Smoking)- विश्व के प्रत्येक देश में तम्बाकू का प्रयोग मुख्य रूप से सिगरेट, बीड़ी, सिगार, चिरुट, नसवार या सूंघना (Snuff), हुक्का और चिलम के रूप में पीने के लिए किया जाता है। भारत तथा विश्व के कुछ क्षेत्रों में तम्बाकू का प्रयोग खाने के लिए भी किया जाता है।

 

(2) निर्यात एवं उत्पादन कर (Export and Excise duty Taxes) – तम्बाकू निर्यात की जाने वाली फसलों में एक प्रमुख फसल है। भारत से निर्यात की जाने वाली फसलों में तम्बाकू का दसवों स्थान है। निर्यात के कारण वर्ष 2002-03 में लगभग 364-6 करोड़ विदेशी मुद्रा भारत को प्राप्त हुई है। तम्बाकू की फसल से उत्पादन कर के रूप में लगभग 1236-4 करोड़ रुपया 2002-05 में प्राप्त हुआ। इस प्रकार विभिन्न

 

फसलों में कपास और चीनी के बाद तम्बाकू का तृतीय स्थान है। तम्बाकू की कुल उपज का लगभग 25% भाग निर्यात किया जाता है। जर्मनी, जापान व रूस में उत्पादन अधिक भेजा जाता है। (3) रोजगार प्रदान करना तम्बाकू पैदा करने, पत्तियाँ रचाने और पत्तियों से विभिन्न चीजें तैयार करने

 

में बहुत से लोगों को रोजगार प्राप्त होता है। तम्बाकू से बीड़ी, सिगरेट बनाने वाले औद्योगिक संस्थानों में लगे हुए लोगों को रोजगार प्रदान करने के अतिरिक्त भारत में अनुमानतः 10 लाख किसान तम्बाकू उत्पन्न करने में और 20 फैक्ट्रियों में 5.5 लाख उद्योगपति व मजदूर तम्बाकू की पत्ती रचाने; वर्गीकरण करने व निर्यात करने में लगे हुए हैं। देश में इस समय 18 बड़े सिगरेट कारखाने हैं जिसमें नब्बे हजार व्यक्ति काम में लगे हुए हैं। सिगरेट उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में दसवाँ है।

 

भारतीय सिगरेटों के मुख्य खरीददार ब्रिटेन, इटली, नीदरलैण्ड, सऊदी अरब, कुवैत, हाँगकाँग व रूस हैं। दुबई, बंगलादेश, बहरीन, नेपाल व अफगानिस्तान को भी सिगरेटों का निर्यात होता है।

 

(4) निकोटिन का कीटनाशक के रूप में प्रयोग तम्बाकू का मुख्य रासायनिक तत्त्व निकोटिन (Nicotene) होता है जो एक प्रकार का क्षार है और पत्तियों में वानस्पतिक अम्ल के साथ मिश्रित रहता है। विभिन्न प्रकार के तम्बाकू में निकोटिन की मात्रा 5-0 से 7-0 प्रतिशत तक पाई जाती है। निकोटिन रंगहीन तैलीय तत्त्व है जो एक भयंकर विष है। इस तत्त्व से औद्योगिक महत्त्व का पदार्थ निकोटिन सल्फेट (Nicotene sulphate) तैयार किया जाता है जो कि कीटनाशक के रूप में प्रयोग किया जाता है। वर्तमान में कृषि की

 

समगतिशीलता (sus fainability) को ध्यान में रखते हुए इन पादपोत्पन्न कीटनाशी रसायनों का महत्त्व और बढ़ जाएगा क्योंकि निश्चित रूप से इनके प्रयोग से पर्यावरणीय संतुलन बना रहेगा। (5) तम्बाकू की राख का खाद के लिए प्रयोग रचाई की गई तम्बाकू की राख में 1-5-3-0 प्रतिशत

 

नाइट्रोजन, 1-2-2-5 प्रतिशत पोटाश, 0-25 से 14.5% फॉस्फोरस और 4.0 प्रतिशत कैल्शियम पाया जाता

 

है। अतः इसका प्रयोग फसलों को खाद प्रदान करने के लिए किया जाता है।

 

(6) तम्बाकू के तेल का महत्त्व तम्बाकू के बीजों में 35 से 38 प्रतिशत तेल होता है। इस तेल में विषैला तत्त्व निकोटिन नहीं रहता है जिससे इसे खाने तथा साबुन और रंग बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

 

(7) खली का प्रयोग तेल निकालने के बाद बची हुई खली का उपयोग जानवरों को खिलाने तथा खली के लिए किया जाता है। इसकी खली में 3 प्रतिशत नत्रजन होती है। खली में अपरिष्कृत प्रोटीन 30-35 प्रतिशत व कार्बोहाइड्रेट 20-27 प्रतिशत तक होते हैं।

 

(8) तम्बाकू की कुछ जातियों का उपयोग शोभाकारी (Ornamental) पौधों के रूप में किया जाता

 

है

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